मानेकशॉ-5 Interesting Things you should know about “Sam Bahadur”

मानेकशॉ
Sam manekshaw

मानेकशॉ को जब पिता ने मना कर दिया –

मानेकशॉ शुरुआती समय में ब्रिटिश लंदन से मेडिकल फील्ड की स्टडी करना चाहते थे | इसके लिए उन्होंने सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा विशेष योग्यता के साथ उत्तीर्ण की परन्तु पिता ने इनको मना कर दिया क्योंकि इनकी उम्र अधिक नहीं थी | बाद में यह IMA (Indian Military Academy) के फर्स्ट बैच (1932 ) के कैडेट जिन्हे “The Pioneer” कहा जाता था, उनमे चुने गये | इनके साथ प्रशिक्षण लेने वालो में से स्मिथ डन और मुहम्मद मूसा खान थे,जो क्रमशः बर्मा और पाकिस्तान के भावी कमांडर-इन-चीफ थे।


मानेकशॉ का मनमौजी और विनोदी व्यवहार –

मानेकशॉ
Sam Bahadur

मानेकशॉ जब भी हसी मजाक के मूड में होते थे तो अक्सर कहा करते थे “मेरी बेटियों को देखो-एक ने बाटलीवाला से शादी कर ली, दूसरी ने दारूवाला से। इतने से भी मन नहीं भरा तो उनमें से एक ने अपनी बेटी का नाम ‘ब्रैंडी’ रख दिया।
1942 में स्टिंग ब्रिज को दुश्मनों के कब्जे से छुड़ाने के समय मानेकशॉ सब बुरी तरह घायल हो गए थे ,इनके फेफड़े गुर्दे और लीवर में नौ गोलियां लगी थी | ऑस्ट्रेलिया चिकित्सक ने यह सोचकर कि अब मानेकशॉ जीवित नहीं रहेंगे, उनकी चिकित्सा करने से मना कर दिया |
तभी मानेकशॉ होश में आ गए | चिकित्सक ने से पूछा “क्या हुआ “मानेकशॉ ने जवाब दिया ” एक हरामी खच्चर ने मुझे दुलती मार दी थी ” | डॉक्टर हँस दिया बोला “तुम्हारी जान तो बचानी ही होगी|
1972 की लड़ाई के बाद प्रधानमंत्री मानेकशॉ से मिली और जब बोली ” आपने मुझसे झूठ क्यों बोला ? आपने तो कहा था कि इस मामले में लगभग एक महीना लगेगा, लेकिन आपने तो एक -दो सप्ताह में सब ठीक कर लिया |

मानेकशॉ ने जवाब दिया ,”ऐसा इसलिए क्योंकि मैं आप नेताओ को जानता हूँ | यदि मैं कहता कि दो सप्ताह में सब समाप्त हो जायेगा, तो आप पंद्रह दिनों में ही मेरी गर्दन पकड़ लेती | ” इस बात पर दोनों खूब हॅसे |
एक मजेदार वाकया है एक बार जम्मू में यह अधिकारियों के अस्थायी मेस में गए | जहां सभी अधिकारी अपनी यूनिट से लौटते हुए या वहां से आते हुए रुक के भोजन करते थे और फिर आगे जाते थे| एक जवान जो अपने तीन बैग अपने साथ ले जाने की कोशिश में था, मानेकशॉ ने उसे मदद का प्रस्ताव दिया उन्होंने स्वीकार कर लिया |

बाद में उसने पाया की उस कुली को सभी लोग सेल्यूट कर रहे हैं| उसने पूछा “आप कौन है “ मानेकशॉ का उत्तर था “मैं यहां अक्सर लोगों की मदद के लिए मंडराता रहता हूं और खाली समय में अपने डिवीजन की कमान संभालता हूं |


मानेकशॉ का रक्षा मंत्री से विवाद और 1962 चीन की लड़ाई से पहले सैन्य इन्क्वारी –

रक्षामंत्री मेनन मानेकशॉ को कभी पसंद नहीं करते थे | एक बार मेनन ने मानेकशॉ से पूछा “आप जनरल थिमैया के बारें में क्या सोचते है?”
मानेकशॉ ने कहा,” मंत्री महोदय मुझे अपने जनरल के बारें में सोचने की अनुमति नहीं है कल आप मेरे जूनियर से पूछेंगे कि वह मेरे बारे में क्या सोचते हैं ?” इससे सेना का अनुशासन भंग होता है इस प्रकार का कार्य न करें |
तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल कौल ने मेनन के साथ मिलकर मानेकशॉ पर आरोप लगाए ,जिसकी इन्क्वारी में भी दवाब बनाया गया परन्तु कर्तव्यनिष्ट जनरल दौलत सिंह ने बिना किसी दवाब में आये मानेकशॉ को आरोपों से बरी कर दिया | यह हुआ ठीक 1962 की लड़ाई से पहले , बाद में जनरल कौल और रक्षामंत्री मेनन को चीन से मिली हार के कारण इस्तीफा देना पड़ा |


जब मानेकशॉ ने 1971 में इंदिरा गाँधी को युद्ध के लिए किया मना और लिया बाइबिल का सहारा –

मानेकशॉ

जब प्रधानमंत्री इंदिरा ने आग्रह किया कि आप सेना बांग्लादेश के अंदर ले जाये तब मानेकशॉ ने कहा “आपने बाइबिल पढ़ा है? ” स्वर्ण सिंह बोले ” बाइबिल से क्या वास्ता ” मानेकशॉ ने कहा ” उसमे ईश्वर ने कहा है – वह प्रकाश हो , तो वहा प्रकाश हो गया” आपने भी वैसे ही अनुभव किया और कहा , वहाँ युद्ध हो और वहाँ युद्ध हो जाये |
आगे बोले ” अभी पाकिस्तान में मानसून है , वहाँ की नदिया सागर बन जाएँगी | मैं स्थल तक सीमित हो जाऊंगा , एयरफोर्स मदद नहीं कर पायेगी | अगर रेलवे आवागमन में उपयोग करूंगा तो भारत में आनाज का आवागमन नहीं हो पायेगा |

भारत में भुखमरी फैली तो इसका दोष आप मुझे देंगे | फिर हमारे पास १२ टैंक है क्यूंकि वित्तमंत्री बजट पास नहीं करते , इस समय हम लड़े तो पाक हमें हरा देगा |
सब हतप्रभ रह गए | बाद में इंदिरा जी ने कहा कि आप मुख्य कमांडर होंगे ,कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा |

इस प्रकार, फील्ड मार्शन के पद और बर्खास्तगी के बीच एक पतली सी रेखा थी। कुछ भी हो सकता था ।


मानेकशॉ “सैम बहादुर” जो युद्धबंदियों भी प्रिय थे –

पाक सेना का एक अधिकारी, जो उस समय बंदी था, वह सैम से इतना प्रभावित हुआ कि उसने कहा, ” मैंने आपके बारे में बहुत सुना है और मुझे यह दुःख है कि आप मेरे कमांडर नहीं हैं।”

लाहौर में एक व्यक्ति ने अपना साफा इनके पैरो में रख दिया और बोला-

सर, वह आप ही थे,जिन्होंने हमें बचाया। मेरे पाँच लड़के आपकी कैद में हैं। वे मुझे पत्र लिखते हैं।

आपने उन्हें ‘ कुरान’ दिया है। वे लोग बैरक में रहते हैं, जबकि आपके सैनिक टेंट में रहते हैं। वे चारपाई पर सोते हैं, जबकि आपके सैनिक जमीन पर सोते हैं। अब मैं किसी पर भी विश्वास नहीं करता, जो कहते हैं कि हिंदू खराब होते हैं। झूठ की जड़ खोद दी गई है।


मानेकशॉ

1 thought on “मानेकशॉ-5 Interesting Things you should know about “Sam Bahadur””

Leave a comment